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Saturday, May 4, 2019

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

28 फेब्रुवारी 1928 रोजी भारतीय भौतिकवादी, सर चंद्रशेखर वेंकट रमण यांनी भारतातील रमण परिणामाचा शोध लावला. तेव्हा पासून 28 फेब्रुवारी हा दिवस भारतामध्ये राष्ट्रीय विज्ञान दिन म्हणून साजरा केला जातो. भारतात शास्त्रीय, शैक्षणिक, वैद्यकीय, तांत्रिक, संशोधन आणि सर्व महाविद्यालये, विद्यापीठे, शैक्षणिक संस्था, शास्त्रज्ञ, संशोधक हा दिवस खूप उत्साहाने साजरा करतात.


काही दिवसांपूर्वी भारताने संपूर्ण जगाचे लक्ष वेधणारे काम करून दाखवले आहे. भारतीय अंतराळ संशोधन संस्थेने एकाचवेळी १०४ उपग्रह अंतराळात सोडून नवा विश्व विक्रम केला आहे. 21 वे शतक हे विज्ञान आणि माहिती तंत्रज्ञानाचे मानले जाते आणि ते खरे ठरत आहे. कारण आज आपण आपल्या आजूबाजूला पाहिले तर या विज्ञानामुळे आपली प्रगती खूप वेगाने होत चाललेली आपणाला दिसते आहे. नवनवीन यंत्रे, तंत्रज्ञान हे बदल सर्व विज्ञानामुळे होत आहेत. आपल्या समाजामधील ज्या अंधश्रद्धा होत्या त्या विज्ञानामुळेच नष्ट झाल्या आहेत आणि हे एक चांगल्या प्रगतीचे लक्षण मानले जाते.

 

२८ फेब्रुवारी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भाषण PDF

> संशोधन संस्थांनी वर्षातून एक विज्ञान दिन राबविण्यापेक्षा महिन्यातून एक असा विज्ञान दिन राबवला, तर अधिकाधिक विद्यार्थी आणि नागरिकांपर्यंत विज्ञान पोचू शकेल आणि विज्ञान दिनाची उद्दिष्टे खऱ्या अर्थाने पूर्ण होऊ शकतील.

> प्रत्येक संशोधन संस्थेत स्वतंत्र विज्ञानप्रसार विभाग असावा. ज्याच्या माध्यमातून आपल्या विषयाचे ज्ञान सातत्याने सर्वसामान्यांपर्यंत पोचवता येईल.

आपल्याला ज्या सुखसोई आता उपलब्ध आहेत, त्या फक्त आणि फक्त विज्ञानामुळे आहेत आणि आपण भविष्यात काय घडवू शकतो हे सुद्धा विज्ञानच ठरवू शकते. भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान दिनाच्या सर्वांना खूप खूप शुभेच्छा....!
28 फरवरी : क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस.


भारत में सन् 1986 से प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (नेशनल साइंस डे) मनाया जाता है। प्रोफेसर सी.वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकटरमन) ने सन् 1928 में कोलकाता में इस दिन एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक खोज की थी, जो ‘रमन प्रभाव’ के रूप में प्रसिद्ध है।
रमन प्रभाव में एकल तरंग- दैध्र्य प्रकाश (मोनोक्रोमेटिक) किरणें, जब किसी पारदर्शक माध्यम ठोस, द्रव या गैस से गुजरती है तब इसकी छितराई किरणों का अध्ययन करने पर पता चला कि मूल प्रकाश की किरणों के अलावा स्थिर अंतर पर बहुत कमजोर तीव्रता की किरणें भी उपस्थित होती हैं। इन्हीं किरणों को रमन-किरण भी कहते हैं।
यह किरणें माध्यम के कणों के कंपन एवं घूर्णन की वजह से मूल प्रकाश की किरणों में ऊर्जा में लाभ या हानि के होने से उत्पन्न होती हैं। इतना ही नहीं इसका अनुसंधान की अन्य शाखाओं, औषधि विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, खगोल विज्ञान तथा दूरसंचार के क्षेत्र में भी बहुत महत्व है।
भौतिक शास्त्री सर सी.वी. रमन एक ऐसे महान आविष्कारक थे, जो न सिर्फ लाखों भारतीयों के लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
रमण की यह खोज 28 फरवरी 1930 को प्रकाश में आई थी। इस कारण 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस कार्य के लिए उनको 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इस दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नए प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। इस दिन, विज्ञान संस्थान, प्रयोगशाला, विज्ञान अकादमी, स्कूल, कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्रामों का आयोजन किया जाता हैं। रसायनों की आणविक संरचना के अध्ययन में 'रमन प्रभाव' एक प्रभावी साधन है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस देश में विज्ञान के निरंतर उन्नति का आह्वान करता है, परमाणु ऊर्जा को लेकर लोगों के मन में कायम भ्रातियों को दूर करना इसका मुख्य उद्देश्य है तथा इसके विकास के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं।
रमन प्रभाव में एकल तरंग- दैध्र्य प्रकाश (मोनोक्रोमेटिक) किरणें, जब किसी पारदर्शक माध्यम ठोस, द्रव या गैस से गुजरती है तब इसकी छितराई किरणों का अध्ययन करने पर पता चला कि मूल प्रकाश की किरणों के अलावा स्थिर अंतर पर बहुत कमजोर तीव्रता की किरणें भी उपस्थित होती हैं। इन्हीं किरणों को रमन-किरण भी कहते हैं।
भौतिक शास्त्री सर सी.वी. रमन एक ऐसे महान आविष्कारक थे, जो न सिर्फ लाखों भारतीयों के लिए बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। यह किरणें माध्यम के कणों के कंपन एवं घूर्णन की वजह से मूल प्रकाश की किरणों में ऊर्जा में लाभ या हानि के होने से उत्पन्न होती हैं। इतना ही नहीं इसका अनुसंधान की अन्य शाखाओं, औषधि विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, खगोल विज्ञान तथा दूरसंचार के क्षेत्र में भी बहुत महत्व है।


 इंग्रजी  माहिती :

National Science Day Speech


National Science Day is used to celebrate every year in India on the 28th February in order to provide the Respect to the Raman effect by the Indian physicist. Sir ChandraSekhara Venkata Raman. Dr. Chandrashekara Venkata Raman was provided with many awards and also honored by getting Nobel Prize in the Subject of Physics in 1930.
Sir Chandrasekhara Venkata Raman had worked from 1907 to 1933 at the Indian Association for the Cultivation of Science, Kolkata, West Bengal in India during which he had researched on many topics of the Physics from which the Raman Effect (effect on scattering of light when passing through different materials) became his great success and discovery which has been marked in the Indian history. For his big invention he was honored through the various Indian awards including the Nobel Prize in the year 1930. From the year 2013, the “Raman Effect” has been designated as an International Historic Chemical Landmark by The American Chemical Society.
Dr Chandrashekara was a great Scientist and used to dream about making a developed Nation for the people to come up between many Countries. He made many innovations by which every people are used to get something unbelievable for their future growth.
He received many ideas and plans from the young Children’s and also from the experience person to build a superior technology to develop the infrastructure of the India Country. He used to gather every knowledge from his Teachers and also from many technological Books to gain much of the knowledge to build a Strong and Wealthy Nation.
Science Day is celebrated every year with immense passion at the Giant Metrewave Radio Telescope (also called GMRT) at Khodad which is a worldwide famous telescope getting operated at low radio frequencies by the NCRA (National Centre for Radio Astrophysics) established by the TIFR (Tata Institute of Fundamental Research).
Variety of activities is organized by the NCRA and GMRT at the ceremony of national science day celebration in order to recognize their leading research activities in the field of radio astronomy and astrophysics. Variety of programmes is also held for the common public and student community to popularize the science and technology in the country.
OBJECTIVES OF CELEBRATING NATIONAL SCIENCE DAY

National Science Day is being celebrated every year to widely spread a message about the significance of scientific applications in the daily life of the people.
To display the all the activities, efforts and achievements in the field of science for human welfare.
To discuss all the issues and implement new technologies for the development of the science.
To give an opportunity to the scientific minded citizens in the country.
To encourage the people as well as popularize the Science and Technology.

पायाभूत चाचणी गुणदाण तक्ते 2023

पायाभूत चाचणी गुणदाण तक्ते 2023-24 इयत्ता तिसरी ते आठवीसाठी चे सर्व विषयांचे गुणांचे संकलन तक्ते एक्सएल स्वरूपात डाउनलोड करण्यासाठी खालील Do...